What is claiscal music
Part 1
शास्त्रीय संगीत के शब्द अपने आप में बताता है शास्त्रों से बना संगीत मतलब शास्र संगीत इसका मतलब जिसके लिए कुछ शास्त्र बनाए गए हो और अगर सीधी भाषा में बोला जाए तो जिसके लिए कुछ नियम बनाए गए हो जिसे हम इंग्लिश में रूल एंड रेगुलेशन कहते हैं तो यह रूल रेगुलेशन का हमें शुरू से अंत तक पालन करना पड़ता है.
तो आपके मन में यह सवाल भी आया होगा शास्त्रीय संगीत होता है इसका मतलब और शास्त्र संगीत भी होता है तो नहीं संगीत तो संगीत ही है
तो शास्त्रीय संगीत कैसे आया जहां पर हम शास्त्रीय बात करें शास्त्रीय संगीत मतलब शास्त्र शास्त्र मतलब कुछ उसके लिए अनुशासन तय किए गए उसके बाद जो पंडित लोग थे जो संगीत के विद्वान थे उन्होंने संगीत आगे पढ़ते गए और शास्त्रीय संगीत आगे बढ़ता गया हम उसी प्रकार शास्त्रीय संगीत को मानते हुए उसी शासन को उसी नियमों को आगे ले जाते हुए शास्त्री संगीत सकते हैं.
संगीत विश्व की भाषा है संगीत चाहे समझ में आए या ना आए मगर जो है वह व्यक्ति को आकर्षित किए बिना नहीं रहते
यह प्रश्न उठता है कि संगीत के अलग-अलग रूप है शास्त्रीय संगीत उप शास्त्रीय संगीत सुगम संगीत लोक संगीत यह क्या है यह सब अलग-अलग रूप है तो शास्त्रीय संगीत इसमें अलग क्यों है ऐसे नियम या अनुशासन जो हम शास्त्रीय संगीत में फॉलो करते हैं क्या वह उप शास्त्र संगीत में नहीं होगा या सुगम संगीत में नहीं होगा लोक संगीत में नहीं होगा ऐसा बिल्कुल नहीं है शास्त्रीय संगीत जो है वह हिंदुस्तान में प्रचलित है हिंदुस्तान मैं शास्त्रीय संगीत का जो स्थान है वह जो राजधानी संगीत है उसको फॉलो करता है यानी रागदरी संगीत को ही शास्त्र संगीत कहा जाता है.
रागदरी संगीत क्या है और शास्त्रीय संगीत क्या है इसका स्वरूप क्या है
शास्त्रीय संगीत आते ही ऐसा लगता है कि बहुत ही कुछ या गंभीर संगीत के बारे में बात कर रहे हैं ऐसी कोई बात नहीं है यह क्लासिकल वेस्ट से आया है पाश्चात्य जो जगह थी वहां से क्लासिकल आया है क्लासिकल के जो सोता है वह बहुत ही लिमिटेड और सीमित होते हैं तो ऐसी क्या बात है जब क्लासिकल शब्द आते ही लोग थोड़ा सीरियस हो जाते हैं या बोल सकते यहां पर थोड़ा हल्का पर नहीं है या साधारण संगीत नहीं है ऐसा बोला जाता है.
देखिए हम जब शास्त्रीय संगीत की या क्लासिकल की बात करते हैं उसमें कुछ नियम होते हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए तो शास्त्रीय संगीत रागदारी संगीत है यंग रागों पर आधारित संगीत है तो हमारी रागदरी संगीत यह है यही बहुत बड़ी वैभव है इसलिए यह हमें विश्व के संगीत सभी प्रकार के संगीत से अलग दिखाई देता है.
तो ऐसे कौन से नियम है कौन से रूल रेगुलेशन है जिसको हम जानना चाहिए ताकि हम थोड़ा क्लासिकल म्यूजिक शास्रीय संगीत को हम कुछ समझ सकते हैं.
१ पहली बात शास्त्रीय संगीत के राग दारी संगीत है और यह रागों पर आधारित होता है रागों में बंदीश कंपोजिशन स्वर पद ताल इनका एक बंधन है एक मेल से जो एक रचना सामने आई कंपोजिशन होता है इसे बंदिश कहते हैं .
तो बंदिश को अलग-अलग तालों में बंद किया जाता है जैसे कि तीन ताल एकताल झप ताल ऐसे विभिन्नता लो में उसे बनाया जाता है.
उसके पहले होता है आला आला मतलब स्वर्ग को विस्तार से दिखाना और उसको आराम से स्वरों का विस्तार करना हर एक रागनी हमारा भी कर सकते हैं अलापी करने का अलग-अलग पद्धति होती है उसके भी कुछ नियम और अटी होते हैं उसको ही भी हमें देखकर ही और राग अलापी हमें करना पड़ता है जब हम राही करते हैं इसका मतलब हम और राख की परिचय कर देते हैं जो सामने सुनने वाले होते हैं उनको राख का परिचय हो जाता है जब हम किसी राखी अलापी करते हैं जब विद्यार्थी सीखता है तब उसे आरोह और अवरोह सिखाया जाता है किसी भी राख का आरोह अवरोह बहुत ही महत्वपूर्ण आ जाता है यानी हमने जो स्वर फिक्स किया है उन्हें ही गाना होता है.
आप सबको पता है संगीत में 7 स्वर है
सा रे ग म प ध नि सा
अभी हमने देखा स्वर है पुरे सा रे ग म प ध नि सा अभी इसमें सा और यह स्वर अपनी जगह कभी छोड़ते नहीं इसलिए उसे बोलते हैं अचल स्वर अचल स्वर यानी वो अपनी स्थान से नीचे या ऊपर जाते नहीं उसे बोलते हैं अचल स्वर इसके अतिरिक्त रे ग ध नि यह चार कोमल स्वर कहलाते हैं यह चार स्वर अपने स्थान में मिलेंगे या अपने स्थान से थोड़ा नीचे मिलेंगे जिससे कोमल स्वर बोला जाता है उसके अलावा एक और होता है उसे बोलते हैं तीव्र म,तो सात शुद स्वर चार कोमल स्वर और अक तीव्र स्वर कोमल स्वर को इंग्लिश में Flat स्वर बोला जाता हे और का तीव्र स्वर जिसे शार्प कहा जाता हे.
कुल मिला कर ७ शुद्ध ४ कोमल १ तीव्र स्वर तो सभी स्वरों को पकड कर हो जाते हे १२ स्वर तो अगर आप को कोई ये पूछे के कीतेने स्वर होते हे संगीत हे तो आप को बोलना हे बार १२ स्वर होते हे अगर आप संगीत को समजते हे या उसको सीखन चाहते हे उन लोगो को ये सभी बेसिक जानकारी रखना चाहिये
विकृत मतलब र ग ध नि और म को बोलते हे विकृत स्वर
तो इन्ही सभी १२ स्वरों का प्रयोग कर के हमारे राग रागिनी का `निर्माण किया गया हे
अगर हम स्वरों में निचे से ऊपर जा रहे हे उदहारण सा र ग म प ध नि सा ये हुआ आरोह असेंडिंग ऑर्डर
सा नि ध प् म ग र सा इसको बोलते हे अवरोह डिसेंन्दिग ऑर्डर
बोला जाता हे.